महिला आयोग की समीक्षा बैठक: राजा रघुवंशी हत्याकांड पर जताई चिंता

हालिया समीक्षा बैठक का संक्षेप: महिला सुरक्षा और कल्याण की दिशा में कदम

हाल ही में उज्जैन में राष्ट्रीय महिला आयोग की सदस्य अर्चना मजूमदार ने महिला अपराधों की रोकथाम के लिए एक महत्वपूर्ण समीक्षा बैठक आयोजित की। इस बैठक का उद्देश्य विभिन्न सरकारी योजनाओं के तहत महिला लाभार्थियों की प्रगति की समीक्षा करना और महिलाओं के खिलाफ बढ़ते अपराधों पर चर्चा करना था। इस संदर्भ में, उन्होंने हाल ही में इंदौर में हुई राजा रघुवंशी की हत्या की घटना का उल्लेख करते हुए, समाज में महिलाओं की सुरक्षा को सुनिश्चित करने की दिशा में ठोस कदम उठाने की आवश्यकता को भी रेखांकित किया।

जागरूकता फैलाने की आवश्यकता

अर्चना मजूमदार ने अपने भ्रमण में पाया कि घरेलू हिंसा को रोकने के लिए व्यापक स्तर पर जागरूकता फैलाने की आवश्यकता है। उन्होंने कहा, "हम सभी को मिलकर घरेलू हिंसा के प्रति जागरूकता फैलाने के लिए ठोस कदम उठाने होंगे।" इसके लिए, प्री-मैरिटल और पोस्ट-मैरिटल काउंसलिंग सेंटर की स्थापना एक महत्वपूर्ण कदम है।

काउंसलिंग सेंटर के लाभ:

  • प्री-मैरिटल काउंसलिंग: शादी से पहले लड़के और लड़की को एक साथ काउंसलिंग दी जाती है, जो संबंधों को मजबूत मनोरंजन में मदद करती है।
  • पोस्ट-मैरिटल काउंसलिंग: शादी के बाद की चुनौतियों से निपटने के लिए भी सहायता प्रदान की जाती है।

महिला सुरक्षा के उपाय

बैठक में, जिला पंचायत की सीईओ जयतिसिंह ने महिला अपराधों की रोकथाम के लिए चल रहे उपायों की जानकारी दी। एएसपी पल्लवी शुक्ला ने बताया कि districts में 29 थानों में महिलाओं और बालिकाओं से संबंधित अपराधों की रोकथाम के लिए विशेष ऊर्जा महिला हेल्प डेस्क स्थापित की गई है।

प्रमुख कदम:

  • ऊर्जा महिला हेल्प डेस्क: महिलाओं की समस्याओं का त्वरित निराकरण करने का कार्य करती है।
  • सीसीटीवी सर्विलांस: जिले के प्रत्येक थाना क्षेत्र में अधिकतम सीसीटीवी कैमरों का लगाना सुरक्षित वातावरण सुनिश्चित करने के लिए किया जा रहा है।
  • निर्भया टीम: स्कूलों, कॉलेजों, धार्मिक स्थलों पर निरंतर गश्त की जाती है ताकि महिलाओं की सुरक्षा सुनिश्चित हो सके।

मानसिकता में बदलाव: समाज का दायित्व

आयोग की सदस्य ने मानसिकता बदलने पर जोर देते हुए कहा कि समय की मांग है कि हम सभी मिलकर नैतिक मूल्यों के गिरते स्तर को सुधारने के लिए ठोस कदम उठाएं। उन्होंने दहेज प्रथा जैसी कुप्रथाओं के खिलाफ जागरूकता फैलाने पर विशेष ध्यान देने का निर्देश दिया।

समाज सुधार के उपाय:

  • दहेज प्रथा को समाप्त करें: इस कुप्रथा के खिलाफ लोगों को जागरूक करना चाहिए, ताकि समाज में समानता का माहौल बने।
  • बाल विवाह की रोकथाम: स्कूल ड्रॉप आउट की समस्या को ध्यान में रखते हुए, खासकर ग्रामीण क्षेत्रों में बाल विवाह पर प्रभावी उपाय खोजे जाने चाहिए।

किशोरियों की सुरक्षा और शिक्षा

अर्चना मजूमदार ने किशोरियों के स्कूल ड्रॉप आउट के मुद्दे पर चिंता व्यक्त की। उन्होंने आग्रह किया कि हमें बालिकाओं को उच्च शिक्षा और करियर के प्रति जागरूक करना चाहिए। इससे न केवल वे आर्थिक रूप से स्वतंत्र बनेंगी, बल्कि समाज में भी उनकी स्थिति मजबूत होगी।

बालिकाओं के लिए सुझाए गए कदम:

  • शिक्षा का अधिकार: सभी किशोरियों को शिक्षा के समान अवसर उपलब्ध कराना।
  • सोशल मीडिया का खतरा: बच्चों को सोशल मीडिया के दुष्प्रभावों से सुरक्षित रखना।

संक्षेप में, ये कदम न केवल महिला सुरक्षा और कल्याण को सुनिश्चित करते हैं, बल्कि समाज में सकारात्मक बदलाव लाने में भी सहायक होते हैं। महिलाओं को आत्मनिर्भर और सशक्त बनाना ही समाज के समग्र विकास की कुंजी है।

आशा है कि इन पहलों से महिलाओं की स्थिति में सुधार होगा और समाज में समानता का स्थान बना रहेगा।

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