गर्मी के मौसम में बगैर बिजली की त्रासदी: मकनपुर खादर गांव की कहानी
गौतमबुद्ध नगर के दनकौर क्षेत्र में स्थित मकनपुर खादर गांव के लोग पिछले 43 दिनों से बिजली के बिना रह रहे हैं। यह स्थिति तब उत्पन्न हुई जब 2 मई को जिले में आई एक आंधी ने गांव का मुख्य ट्रांसफार्मर गिरा दिया। इसके बाद से गांववासियों को गर्मी और उमस में दिन-रात बिताना पड़ रहा है, जो उनके लिए एक गंभीर चिंता का विषय बन चुका है।
आंधी में गिरा ट्रांसफार्मर: गांव का हाल-बेहाल
गांव के मुख्य ट्रांसफार्मर के गिरنے के बाद से पूरे क्षेत्र में अंधेरा छा गया है। बिना बिजली के, लोग पंखे और कूलर का सहारा नहीं ले पा रहे हैं। इस भीषण गर्मी में, ग्रामीणों को बिजली विभाग की दफ्तरों के चक्कर काटने पड़ रहे हैं—लेकिन उन्हें केवल आश्वासन ही मिल रहा है, ठोस कार्रवाई नहीं।
प्रशासन का मौन: सांसद की फटकार का भी असर नहीं
गांव के प्रधान संजय कुमार बताते हैं कि उन्होंने इस समस्या के समाधान के लिए सांसद डॉ. महेश शर्मा को भी सूचित किया। सांसद ने अधिकारियों को फटकार भी लगाई थी, लेकिन इसके बावजूद ट्रांसफार्मर नहीं बदला गया। प्रधान का आरोप है कि इस मामले में सुविधा शुल्क की मांग के चलते कार्य में देर हो रही है।
- पिछले अनुभव: गांव में एक अन्य ट्रांसफार्मर को भी आंधी में नुकसान हुआ था, जिसे 4400 रुपये वसूल कर बदला गया था।
अधिकारियों की निष्क्रियता: चेयरमैन के निर्देश भी बेअसर
हाल ही में पावर कॉर्पोरेशन के चेयरमैन डॉ. आशीष कुमार गोयल ने निर्देश दिए थे कि ट्रांसफार्मर खराब होने की स्थिति में तत्काल कार्रवाई की जाए। लेकिन मकनपुर खादर गांव की स्थिति यह दर्शाती है कि ये निर्देश जमीनी स्तर पर असंगत हैं।
दनकौर के SDO, विनय कुमार का कहना है कि नोएडा स्थित स्टोर में ट्रांसफार्मर उपलब्ध नहीं हैं। “नए ट्रांसफार्मर आने में अभी 3 दिन और लग सकते हैं,” उन्होंने कहा।
ग्रामीणों की जिंदगी: गर्मी में जनजीवन प्रभावित
गर्मी के इस मौसम में, बिना बिजली के रहना ग्रामीणों के लिए कितना मुश्किल है, इसका अंदाजा लगाया जा सकता है। बुजुर्गों से लेकर स्कूल जाने वाले बच्चों तक, सभी को समस्याओं का सामना करना पड़ रहा है।
- बिजली की कमी से हुई परेशानियां:
- बच्चों की पढ़ाई प्रभावित
- बुजुर्गों की सेहत पर असर
- मानसिक तनाव और चिंता
गांववालों की मांग: तत्काल कार्रवाई की अपेक्षा
गांव के लोग अब सरकार और बिजली विभाग से अपील कर रहे हैं कि उन्हें जल्द से जल्द नया ट्रांसफार्मर दिया जाए ताकि बिजली आपूर्ति बहाल हो सके। यदि जल्द कोई कार्रवाई नहीं होती, तो गांववासी विरोध प्रदर्शन करने की चेतावनी भी दे चुके हैं।
इसे देखते हुए, यह आवश्यक है कि मौजूदा त्रासदी से निपटने के लिए तत्काल कदम उठाए जाएं। यदि प्रशासन इस मुद्दे पर गंभीरता से निपटने में नाकाम रहता है, तो यह केवल मकनपुर खादर गांव का मामला नहीं होगा, बल्कि इससे यह संकेत भी मिलता है कि ग्रामीण क्षेत्रों में बुनियादी सुविधाओं की कमी के लिए जिम्मेदार कौन है।
गांव के लोग आशा करते हैं कि उनकी आवाज सुनी जाएगी और उनका अनुरोध बिना किसी देरी के पूरा किया जाएगा। उम्मीद है कि बिजली संकट का यह विकराल रूप जल्द समाप्त होगा और गांव एक बार फिर उजाले से रोशन होगा।