अमेरिका में भारत के आतंकवाद विरोधी रुख की सराहना: सर्वदलीय प्रतिनिधिमंडल की यात्रा
हाल ही में, भारतीय सांसदों का एक सर्वदलीय प्रतिनिधिमंडल, जिसमें कांग्रेस के वरिष्ठ नेता शशि थरूर भी शामिल हैं, अमेरिका की यात्रा पर गया। इस दौरे का मुख्य उद्देश्य भारत और अमेरिका के बीच आतंकवाद के खिलाफ सहयोग को बढ़ावा देना था। इस दौरान, अमेरिकी सांसदों ने भारत के आतंकवाद के खिलाफ ठोस रुख की सराहना की और पहलगाम आतंकी हमले की कड़ी निंदा की।
पहलगाम आतंकी हमले पर प्रतिक्रिया
जब 22 अप्रैल को पहलगाम की बैसरन घाटी में आतंकी हमले के दौरान 26 लोगों की हत्या की गई, तब यह घटना पूरे देश में गहरी चिंता का कारण बनी। जिन लोगों का इस घटना में शिकार हुआ, उनमें अधिकतर पर्यटक थे। इस हमले के बाद, भारतीय सर्वदलीय प्रतिनिधिमंडल ने वाशिंगटन में अमेरिकी संसद की विदेश मामलों की समिति के सदस्यों से मुलाकात की। इस बैठक में अमेरिकी सांसदों ने एक स्वर में कहा कि ऐसे क्रूर हमलों के लिए दुनिया में कोई जगह नहीं होनी चाहिए।
उल्लेखनीय बिंदु:
- पहलगाम में हुए हमले में 26 लोगों की हत्या हुई, जिनमें पर्यटक भी शामिल थे।
- अमेरिकी सांसदों ने भारत के जवाबी कार्रवाई के अधिकार का समर्थन किया।
अमेरिका के सांसदों की टिप्पणियां
ब्रायन मास्ट, जो कि अमेरिकी संसद की विदेश मामलों की समिति के अध्यक्ष हैं, ने कहा कि भारत और अमेरिका का कोई बेहतर दोस्त नहीं हो सकता। उन्होंने यह भी कहा:
- "जब आपके ऊपर अटैक होता है, तो आपके पास उसका जवाब देने के अलावा कोई विकल्प नहीं होता।"
- "मिलकर आतंकवाद का मुकाबला करना होगा ताकि फिर कभी किसी देश पर ऐसे हमले की हिमाकत न हो।"
यह बयान दिखाता है कि अमेरिका भारत की तरफ से आतंकवाद के खिलाफ उठाए गए कदमों के प्रति न केवल सहानुभूति रखता है, बल्कि उसे प्रोत्साहित भी करता है।
भारत और अमेरिका के संबंध
भारत और अमेरिका के बीच के संबंध हाल के वर्षों में काफी मजबूत हुए हैं। दोनों देशों के बीच आतंकवाद, व्यापार, जलवायु परिवर्तन और अन्य मुद्दों पर सहयोग बढ़ रहा है। कई बार, दोनों देशों के नेता एक दूसरे की समस्याओं और चुनौतियों के प्रति सहानुभूति व्यक्त करते हुए एकजुटता का दिखावा करते हैं।
एहम तथ्य:
- भारत और अमेरिका के रिश्ते समय के साथ मजबूत हुए हैं।
- आतंकवाद के खिलाफ मिलकर लड़ाई एक प्रमुख उद्देश्य है।
भविष्य की दिशा
इस प्रतिनिधिमंडल की यात्रा के बाद, यह स्पष्ट होता है कि भारत और अमेरिका दोनों ही आतंकवाद के बढ़ते खतरे के खिलाफ मिलकर खड़े होना चाहते हैं। दीपक, भारत के पूर्व राजदूत, कहते हैं, "दोनों देशों के बीच आपसी विश्वास और समझ बढ़ रही है, और ऐसी यात्राओं से इसे और मजबूती मिलेगी।"
इसके माध्यम से, अब यह देखना होगा कि दोनों देश वास्तव में सहयोग के इस दौर को कैसे आगे बढ़ाते हैं। भारत की सुरक्षा के लिए यह बेहद महत्वपूर्ण है कि वह अपने अंतरराष्ट्रीय साझीदारों के साथ मिलकर आतंकवाद के खिलाफ प्रभावी रणनैतियाँ तैयार करे।
निष्कर्ष
अमेरिका में भारतीय सर्वदलीय प्रतिनिधिमंडल की यात्रा ने यह स्पष्ट कर दिया है कि आतंकवाद के खिलाफ लड़ाई केवल एक देश की नहीं, बल्कि वैश्विक समस्या है। अमेरिका के सांसदों का समर्थन दर्शाता है कि जब बात सुरक्षा की आती है, तो अंतर्राष्ट्रीय सहयोग अत्यंत आवश्यक है। इस दिशा में उठाए गए कदम न केवल भारत के लिए, बल्कि पूरी दुनिया के लिए एक सकारात्मक संकेत हैं।