हरियाणा में किसानों के लिए खुशखबरी! हरियाणा सरकार ने 1 जून 2025 से सूरजमुखी की खरीद शुरू करने का निर्णय लिया है। यह खरीद रबी विपणन सीजन 2025-26 का हिस्सा है, जो कि 30 जून 2025 तक चलेगी। यह फैसला न केवल किसानों की आर्थिक स्थिति को सुधारने के लिए लिया गया है, बल्कि यह फसल विविधीकरण को भी प्रोत्साहित करता है। आइए जानते हैं इस पहल के बारे में अधिक जानकारी।
सूरजमुखी का समर्थन मूल्य और इसका महत्व
हरियाणा सरकार ने सूरजमुखी के लिए न्यूनतम समर्थन मूल्य (MSP) 7,280 रुपये प्रति क्विंटल तय किया है। यह निर्णय किसानों को उनके उत्पाद का बेहतर मूल्य दिलाने और बाजार में स्थिरता बनाए रखने के उद्देश्य से लिया गया है। जब किसान अपने मेहनत की फसल को सम्मानित मूल्य पर बेच पाएंगे, तो यह उनके लिए आर्थिक सुदृढ़ता का रास्ता खोलेगा।
खरीद की व्यवस्था और मंडियों की लिस्ट
सूरजमुखी की खरीद के लिए हरियाणा में कुल 17 अधिसूचित मंडियां खुली रहेंगी। इन मंडियों में किसान अपनी फसल को सरकारी दर पर बेच सकेंगे। यहां पर किन-किन मंडियों में बिक्री होगी, यह जानना आवश्यक है:
- अम्बाला ज़िला: अम्बाला शहर, अम्बाला कैंट, बराड़ा, मुलाना, शहजादपुर, साहा, नारायणगढ़
- करनाल और कुरुक्षेत्र ज़िला: करनाल, इस्माइलाबाद, थानेसर, थोल, शाहबाद, लाडवा, बबैन, झांसा
- पंचकूला ज़िला: बरवाला
- यमुनानगर ज़िला: जगाधरी
इस सूची के माध्यम से किसान आसानी से अपनी निकटतम मंडी में जाकर अपने उत्पाद की बिक्री कर सकते हैं।
उत्पादन की संभावनाएं और सरकारी जिम्मेदारियां
हरियाणा कृषि एवं किसान कल्याण विभाग की रिपोर्ट के अनुसार, इस साल राज्य में 44,062 मीट्रिक टन सूरजमुखी की उत्पादन की उम्मीद है। यह संख्या इस बात का संकेत देती है कि किसानों ने सूरजमुखी की खेती में बढ़ी रुचि दिखाई है।
सरकार ने सूरजमुखी की खरीद का कार्य हैफेड (HAFED) और हरियाणा वेयरहाउसिंग कॉरपोरेशन को सौंपा है। ये संस्थाएं सुनिश्चित करेंगी कि खरीद प्रक्रिया पारदर्शी और सुगम हो, जिससे किसानों को किसी प्रकार की समस्याओं का सामना न करना पड़े।
अनिवार्य जानकारी किसानों के लिए
सरकारी खरीद में भाग लेने के लिए किसानों को अपने दस्तावेजों को अपडेट करना होगा और संबंधित मंडी में पंजीकरण कराना होगा। यह भी महत्वपूर्ण है कि किसान खरीद प्रक्रिया की तारीख, मंडी स्थल और वजन-मान प्रक्रिया की जानकारी पहले से प्राप्त कर लें। इससे उन्हें मौके पर किसी प्रकार की असुविधा का सामना नहीं करना पड़ेगा।
आर्थिक संबल और भविष्य की संभावनाएं
सूरजमुखी जैसी नकदी फसल की सरकारी खरीद न केवल किसानों को न्यायसंगत मूल्य दिलाने की गारंटी देती है, बल्कि यह फसल विविधीकरण की दिशा में भी उन्हें प्रेरित करती है। हरियाणा सरकार की यह पहल राज्य के कृषि क्षेत्र में संतुलन और समृद्धि लाने की दिशा में एक महत्वपूर्ण कदम मानी जा रही है।
दूसरी ओर, किसानों को यह सुनिश्चित करना होगा कि वे समय पर अपनी फसल बाजार में लाकर सही मूल्य प्राप्त करें। यह समय की माँग है कि किसान सूचना को लेकर जागरूक रहें और सरकारी योजनाओं का लाभ उठाएं।
हरियाणा में सूरजमुखी की खरीद की शुरुआत सही समय पर हो रही है, जिससे किसानों को आर्थिक और सामाजिक दोनों स्तरों पर लाभ होने की संभावना है। ये पहल न केवल किसानों के लिए एक प्रेरणा है, बल्कि यह देश के कृषि क्षेत्र के लिए भी एक सकारात्मक संकेत है।