पंजाब सरकार ने 30 मई 2025 (शुक्रवार) को राज्यभर में सार्वजनिक अवकाश घोषित किया है, जो श्री गुरु अर्जुन देव जी के शहीदी दिवस के अवसर पर मनाया जाएगा। यह अवकाश विशेष रूप से सभी सरकारी कार्यालयों, स्कूलों, कॉलेजों और शिक्षण संस्थानों के लिए है। यह निर्णय गजट नोटिफिकेशन के माध्यम से जारी किया गया है और इसे श्रद्धांजलि के रूप में देखा जा रहा है।
शहीदी दिवस: एक श्रद्धांजलि
श्री गुरु अर्जुन देव जी सिख धर्म के पांचवें गुरु थे, और उन्हें सिख इतिहास में पहला शहीद माना जाता है। उनका बलिदान ऐसे समय में हुआ जब धार्मिक स्वतंत्रता की परिभाषा और हिफाज़त के लिए संघर्ष किया जा रहा था। राज्य की ओर से यह अवकाश घोषित करना, न केवल गुरुजी के प्रति सम्मान प्रकट करने का एक तरीका है, बल्कि यह लोगों को उनके योगदान और बलिदान के महत्व के बारे में भी जागरूक करने का प्रयास है।
गुरु अर्जुन देव जी का इतिहास
गुरु अर्जुन देव जी का जन्म 15 अप्रैल 1563 को हुआ था। वे एक महान संत, शिक्षाविद, और समाज सुधारक थे। उन्होंने सिख धर्म को विस्तारित करने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाई और गुरु ग्रंथ साहिब की संकलन की प्रक्रिया में भी योगदान दिया। जहाँगीर के शासन के दौरान उन्हें इस्लाम धर्म अपनाने के लिए मजबूर किया गया, लेकिन उन्होंने देशभक्ति और धार्मिक स्वतंत्रता के लिए अपनी जान देने का साहस किया। ऐसा साहसिक निर्णय आज भी सिख समुदाय को प्रेरित करता है।
शहीदी दिवस की मान्यता
हर वर्ष 30 मई को, गुरु अर्जुन देव जी का शहीदी दिवस श्रद्धा और भक्ति के साथ मनाया जाता है। इस दिन विभिन्न कार्यक्रम आयोजित किए जाते हैं, जैसे:
- गुरुद्वारों में विशेष दीवान सजाना
- अखंड पाठ और कीर्तन
- लंगर सेवा
- गर्मियों में ठंडे जल और शिकंजी का वितरण
ये सभी आयोजन गुरु जी की शिक्षाओं और उनके बलिदान को याद करने के लिए होते हैं। लोग इस दिन सेवा और त्याग की भावना के साथ आगे आते हैं और एक दूसरे के साथ मिलकर गुरु जी की महानता का उत्सव मनाते हैं।
पंजाब सरकार का यह निर्णय: एक संदेश
पंजाब सरकार का यह निर्णय एक महत्त्वपूर्ण पहल है। यह न केवल धार्मिक अवकाश का रूप है, बल्कि यह युवाओं को उनके इतिहास के साथ जोड़ने का भी प्रयास है। इस अवकाश के माध्यम से, पंजाब सरकार यह संदेश देना चाहती है कि:
- धार्मिक स्वतंत्रता का महत्व: लोगों को यह एहसास दिलाना कि धार्मिक स्वतंत्रता सिर्फ एक अधिकार नहीं, बल्कि एक सामाजिक जिम्मेदारी भी है।
- सामाजिक समरसता: गुरु जी के बलिदान से हमें यह सिखने को मिलता है कि एकता में ताकत है।
- सेवा और त्याग: समाज में सेवा और मानवता की भावना को बढ़ावा देना।
गुरु अर्जुन देव जी की शहादत ने न केवल सिख समुदाय को बल्कि समस्त मानवता को सिखाया कि सत्य और धर्म के लिए खड़े होना सबसे बड़ी सेवा है। इस अवकाश का प्रभाव सिर्फ पंजाब तक सीमित नहीं रहेगा, बल्कि इसका संदेश संपूर्ण देश में फैलाया जाएगा।
वास्तव में, इस 30 मई को जब पंजाब के लोग अपने गुरु की याद में श्रद्धांजलि देंगे, तब वे केवल एक दिन का अवकाश नहीं, बल्कि उस महानता और बलिदान को भी याद करेंगे जिसने उन्हें आजादी और शांति की दिशा में आगे बढ़ने की प्रेरणा दी है।
इस तरह, पंजाब सरकार का यह निर्णय न केवल श्रद्धांजलि है, बल्कि एक-दूसरे से जुड़ने और अपने इतिहास को समझने का एक अवसर भी है। हम सभी को इस मौक़े का पूरे दिल से स्वागत करना चाहिए और अपने गुरु जी के दिखाए रास्ते पर चलने का संकल्प लेना चाहिए।