सौर ऊर्जा से सजे ग्रमीण भविष्य का संकल्प
भारत सरकार की नवीन एवं नवीकरणीय ऊर्जा मंत्रालय द्वारा शुरू की गई ‘प्रधानमंत्री सूर्य घर मुफ्त बिजली योजना’ ग्रामीण भारत में हरित क्रांति लाने का एक महत्वाकांक्षी प्रयास है। इस योजना के अंतर्गत मॉडल सोलर गांव योजना को लाया गया है, जिसका उद्देश्य ग्रामीण क्षेत्रों में सौर ऊर्जा के बड़े पैमाने पर उपयोग को प्रोत्साहित करना है। चलिए, इस योजना की गहराई में जाकर देखते हैं कि यह किस प्रकार ग्रामीण विकास को नई दिशा दे रही है।
सोलर मॉडल गांव: एक नया दृष्टिकोण
इस योजना के तहत, केंद्र सरकार ने निर्णय लिया है कि हर जिले से कम से कम एक गांव को सौर ऊर्जा को अपनाने के लिए चयनित किया जाएगा। ये गांव सौर पैनल्स की स्थापना में अग्रणी होंगे और इनको मिलने वाली प्रोत्साहन राशि गाँववासियों को ऊर्जा आत्मनिर्भरता की ओर ले जाने में सहायक होगी।
विशेष सम्मान का अवसर
2011 की जनगणना के अनुसार जिन गांवों की जनसंख्या 5000 से अधिक है, उनमें जो गांव सबसे अधिक सोलर पैनल स्थापित करेगा, उसे सरकार की ओर से 1 करोड़ रुपये का पुरस्कार मिलेगा। इस पुरस्कार से न केवल उस गांव की पहचान बनेगी, बल्कि यह अन्य गांवों को भी प्रोत्साहित करेगा कि वे सौर ऊर्जा के उपयोग की ओर आगे बढ़ें।
47 गांवों का चयन और प्रतियोगिता
भिवानी जिले में 47 गांवों का चयन किया गया है, जिनमें बड़सी, बापोड़ा, और कलिंगा जैसे गांव शामिल हैं। इस प्रतियोगिता की शुरुआत 26 मई से हो चुकी है और यह 25 नवंबर 2025 तक जारी रहेगी। इस दौरान जिन गांवों में सबसे अधिक सौर उपकरण स्थापित होंगे, उन्हें मॉडल सोलर ग्राम का खिताब दिया जाएगा।
ग्रामीण पंचायतों का योगदान
ग्राम पंचायतें इस अवसर का फायदा उठाकर स्वयं को सोलर मॉडल ग्राम के रूप में स्थापित कर सकती हैं। इसके लिए उन्हें जन जागरूकता, उपकरणों की स्थापना और सब्सिडी प्रक्रिया पर ध्यान देना होगा। यह एक सामूहिक प्रयास है, जिससे ग्रामीण भारत की दिशा में ठोस कदम उठाए जा सकते हैं।
सब्सिडी योजनाएँ: आर्थिक सहायता
प्रधानमंत्री सूर्य घर मुफ्त बिजली योजना के तहत लाभार्थी परिवारों को मोटी सब्सिडी मिल रही है।
- अंत्योदय परिवारों (वर्षिक आय 1.80 लाख रुपये से कम): 2 किलोवाट तक के सोलर पैनल पर 1.10 लाख रुपये की कुल सहायता।
- मध्यम वर्ग के परिवार (वर्षिक आय 3 लाख रुपये तक): 2400 यूनिट तक की बिजली खपत पर 80,000 रुपये का अनुदान।
- किसानों के लिए कुसुम सोलर पंप योजना: 75 प्रतिशत अनुदान पर सोलर पंप, जिससे कृषि लागत में कमी आ सके।
- सोलर स्ट्रीट लाइट्स और हाई मास्क लाइट्स पर भी सब्सिडी: उदाहरण के लिए, 12 वाट की सोलर स्ट्रीट लाइट पर 4,000 रुपये का अनुदान।
हर गांव को बनना होगा भागीदार
यह योजना केवल एक प्रतियोगिता नहीं है, बल्कि यह सौर ऊर्जा के माध्यम से देश की हरित ऊर्जा की दिशा में एक सामूहिक पहल है। इससे ग्रामीण भारत को आत्मनिर्भर बनाने का संकल्प मजबूत होगा। भिवानी जिले के लिए यह एक सुनहरा अवसर है, जिसमें 47 गांव 1 करोड़ रुपये के पुरस्कार के लिए अपनी क्षमता दिखा सकते हैं।
सारांश में, ‘प्रधानमंत्री सूर्य घर मुफ्त बिजली योजना’ ग्रामीण भारत में सौर ऊर्जा के उपयोग को प्रोत्साहित करने के लिए एक महत्वपूर्ण कदम है। यह न सिर्फ ऊर्जा सुरक्षा को बढ़ावा दे रही है, बल्कि यह ग्रामीण विकास को भी नई दिशा दे रही है। यदि आप भी अपने गांव को इस पहल में शामिल करना चाहते हैं, तो अब समय है तैयारी करने का!