नालंदा स्कूल के 38 विद्यार्थियों की अद्भुत सफलता: सैनिक स्कूल के लिए चयन
महेंद्रगढ़ जिले के सतनाली क्षेत्र में स्थित नालंदा विद्या निकेतन वरिष्ठ माध्यमिक विद्यालय के 38 विद्यार्थियों ने हाल ही में सैनिक स्कूल की प्रवेश परीक्षा को उत्तीर्ण कर एक नई मिसाल कायम की है। इस चयन ने न केवल विद्यालय के विद्यार्थियों में गर्व का अनुभव कराया है, बल्कि उनके माता-पिता और विद्यालय के स्टाफ के बीच भी खुशी का माहौल बनाया है।
सैनिक स्कूल की प्रवेश परीक्षा: एक संजीवनी
सैनिक स्कूलों की स्थापना का मूल उद्देश्य उन विद्यार्थियों को शिक्षा देना है जो भारतीय सेना में शामिल होना चाहते हैं। यह स्कूलें विद्यार्थियों को शारीरिक फिटनेस, मानसिक विकास और नेतृत्व कौशल में प्रशिक्षित करती हैं। सैनिक स्कूलों में रक्षा सेवा की तैयारी के लिए आवश्यक प्रशिक्षण दिया जाता है।
सैनिक स्कूलों के बारे में कुछ महत्वपूर्ण तथ्य:
- संस्थान: भारत में विभिन्न स्थानों पर सैनिक स्कूल हैं, जो कक्षा 6 से 12 तक की शिक्षा प्रदान करते हैं।
- प्रतिवर्ष परीक्षा: हर वर्ष एक विशेष तिथि पर इन विद्यालयों की प्रवेश परीक्षा आयोजित की जाती है।
- चयन प्रक्रिया: चयनित विद्यार्थियों को शारीरिक परीक्षा और साक्षात्कार के माध्यम से अंतिम छांट किया जाता है।
नालंदा विद्या निकेतन: एक शैक्षिक गौरव
नालंदा विद्या निकेतन ने हमेशा से उत्कृष्ट शिक्षा और प्रशिक्षण का लक्ष्य रखा है। विद्यालय के प्राचार्य प्रविन्द्र भालोठिया द्वारा दी गई जानकारी के अनुसार, इस वर्ष की सैनिक स्कूल की प्रवेश परीक्षा में नालंदा के विद्यार्थियों ने शानदार प्रदर्शन किया।
कक्षा 6 और 9 के टॉपर्स:
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कक्षा 6:
- यश (पुत्र कृष्ण)
- अक्षिता (पुत्री नवीन)
- रितिका (पुत्री सुरेन्द्र)
- कक्षा 9:
- नैतिक (पुत्र संजय)
- ऋषिपाल (पुत्र जितेन्द्र)
- मिनाक्षा (पुत्री संजय)
इस सफलता पर विद्यालय के प्रबंधक समिति सदस्य जय सिंह फौगाट और चेयरमैन विक्रम लांबा ने सभी विद्यार्थियों के माता-पिता और स्टाफ को बधाई दी। महावीर लांबा ने भी इस बात पर जोर दिया कि यह सफलता बच्चों और उनके समर्पित शिक्षकों की मेहनत का परिणाम है।
विद्यालय का वातावरण एवं इसलिए अलग
नालंदा विद्या निकेतन का वातावरण इतनी खास है कि यह विद्यार्थियों को न केवल शैक्षणिक ज्ञान दिलाता है बल्कि उन्हें जीवन के प्रति एक सकारात्मक दृष्टिकोण भी प्रदान करता है।
विद्यालय में निम्नलिखित सुविधाएं उपलब्ध हैं:
- अनुभवी शिक्षिकाएं: जो विद्यार्थियों को प्रशिक्षण में विशेषता देते हैं।
- शारीरिक शिक्षा: खेल और खेल गतिविधियों को बढ़ावा देते हुए विद्यार्थियों को शारीरिक रूप से फिट रखने पर ध्यान दिया जाता है।
- प्रतिभा पहचान: विद्यार्थियों की विशेष प्रतिभा को पहचानकर उन्हें विशेष प्रशिक्षण दिया जाता है।
निष्कर्ष
नालंदा विद्यालय के विद्यार्थियों की यह सफलता एक प्रेरणा है, न केवल उनके लिए बल्कि सभी विद्यार्थियों के लिए। यह दर्शाता है कि अगर मेहनत की जाए और सही मार्गदर्शन प्राप्त हो तो कोई भी लक्ष्य प्राप्त किया जा सकता है। विद्यार्थियों के इस उत्कृष्ट प्रदर्शन से यह स्पष्ट है कि वह भविष्य में न केवल खुद को, बल्कि अपने परिवार और समाज को गर्वित करने की क्षमता रखते हैं।
सभी चयनित विद्यार्थियों को हमारी ओर से शुभकामनाएं, और हम उनकी आने वाली सफलता की प्रतीक्षा कर रहे हैं।