राजस्थान में मानसून की तेज एंट्री: 27 जिलों में बारिश का अलर्ट!

राजस्थान मानसून 2025: बारिश की छांव में बदलाव

इस वर्ष भारतीय मौसम विज्ञान विभाग (IMD) ने जब घोषणा की कि राजस्थान में मानसून ने दस्तक दे दी है, तो ये जानकारी स्थानीय निवासियों के लिए राहत की खबर बन गई। आमतौर पर राजस्थान में मानसून की शुरुआत 25 जून के आसपास होती है, लेकिन इस बार करीब एक सप्ताह पहले ही बारिश ने अपना असर दिखाना शुरू कर दिया। आइए जानते हैं इस बार के मानसून के प्रभाव, बारिश के पूर्वानुमान और किसानों के लिए इसका अर्थ क्या है।

मानसून का तेज असर

मानसून ने अपने पहले दिन में ही राज्य के लगभग आधे हिस्से को कवर कर लिया। IMD के आंकड़ों के अनुसार, 1 से 17 जून के बीच राजस्थान में सामान्य से 63% अधिक बारिश हुई है। यह संकेत देता है कि मानसून इस बार बेहद सक्रिय रहने वाला है।

  • अच्छी बारिश के नतीजे: जब मानसून की बारिश शुरू होती है, तो यह सिर्फ तापमान को कम करने में मदद नहीं करती, बल्कि कृषि के लिए भी एक महत्वपूर्ण पहलू बन जाती है।

भारी बारिश के लिए अलर्ट

गुरुवार, 20 जून को IMD ने 27 जिलों में बारिश और आंधी का अलर्ट जारी किया है, जिनमें से 5 जिलों में भारी बारिश का खतरा हो सकता है। जयपुर मौसम केंद्र का पूर्वानुमान है कि अगले चार दिनों तक दक्षिण-पूर्वी राजस्थान में बारिश जारी रहेगी।

अलर्ट वाले प्रमुख जिले:

  • येलो अलर्ट: चूरू, नागौर, सीकर, झुंझुनूं, जयपुर, दौसा, अलवर, भरतपुर, धौलपुर, करौली, सवाई माधोपुर, टोंक, कोटा, बारां, झालावाड़, प्रतापगढ़, बांसवाड़ा, डूंगरपुर, उदयपुर, जालोर, सिरोही और पाली।
  • ऑरेंज अलर्ट: अजमेर, भीलवाड़ा, चित्तौड़गढ़, बूंदी, और राजसमंद।

इन जिलों में रहने वाले लोगों को तेज़ बारिश और आंधी के लिए सतर्क रहने की सलाह दी गई है।

तापमान में गिरावट और पश्चिमी राजस्थान की गर्मी

दक्षिण-पूर्वी राजस्थान में मानसून की बारिश ने गर्मी को कम किया, लेकिन यही स्थिति पश्चिमी राजस्थान में नहीं थी। जैसलमेर, बीकानेर, श्रीगंगानगर और फलोदी जैसे जिलों में तापमान 40 से 43 डिग्री सेल्सियस तक बना हुआ है। जैसलमेर में सर्वाधिक तापमान 43.1 डिग्री सेल्सियस दर्ज किया गया।

किसानों के लिए नए अवसर

इस बार मानसून की शुरुआती बारिश किसानों के लिए अच्छी खबर लेकर आई है। हालांकि, तेज बारिश और आंधी-तूफान के चलते फसलों को नुकसान की भी आशंका बनी हुई है।

किसानों के लिए निम्नलिखित सुझाव:

  1. फसलों की सुरक्षा का ध्यान: तेज बारिश के दौरान फसलों को नुकसान पहुँचाने वाली स्थितियों से बचने के लिए आवश्यक तैयारियाँ कर लें।
  2. संभावित बारिश को ध्यान में रखें: मौसम के पूर्वानुमान को ध्यान में रखते हुए फसलों की देखभाल करें।
  3. स्थानीय प्रशासन की सलाह: स्थानीय कृषि अधिकारियों से संपर्क कर सलाह लें।

आगे का पूर्वानुमान

मौसम वैज्ञानिकों का मानना है कि अगर यह रफ्तार बरकरार रही, तो आने वाले हफ्तों में राज्य के अधिकतर हिस्सों में भारी बारिश की संभावनाएँ बनती हैं। IMD ने आगाह किया है कि 21 जून से बारिश की गतिविधियाँ और तेज़ हो सकती हैं, साथ में 30 से 50 किमी/घंटे की गति से हवाएँ चलने की भी संभावना है।

समग्र रूप से, राजस्थान के मौसम में ये बदलाव सभी के लिए सुरक्षात्मक और सुखद हैं। इससे न केवल तापमान में राहत मिलेगी, बल्कि कृषि भी फले-फूलेगी। बारिश का यह मौसम राजस्थान की जमीन को जीवनदान देने के लिए आए हैं, और उम्मीद है कि यह किसानों और आम लोगों दोनों के लिए फायदेमंद साबित होगा।

आगे देखते हैं कि यह मानसून राजस्थान में और क्या बदलाव लाता है!

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