आतंकवाद के खिलाफ वैश्विक एकता: रविशंकर प्रसाद का संदेश
हाल ही में भारतीय जनता पार्टी (भा.ज.पा.) के सांसद रविशंकर प्रसाद ने आतंकवाद के खिलाफ एक महत्वपूर्ण बयान दिया। इस संदर्भ में उनका कहना है कि "पूरी दुनिया भारत के साथ खड़ी है," जो भारत की जीरो टॉलरेंस नीति के समर्थन में एक मजबूत संदेश है।
ऑपरेशन सिंदूर: आतंकवाद के प्रति भारत की सख्त नीति
बता दें कि भारतीय सशस्त्र बलों ने पहलगाम में हुए आतंकवादी हमले के बाद ‘ऑपरेशन सिंदूर’ शुरू किया, जो आतंकवाद के खिलाफ भारत की जीरो टॉलरेंस नीति का हिस्सा है। इस ऑपरेशन का उद्देश्य आतंकवादियों को खत्म करना और नागरिकों को सुरक्षा प्रदान करना है।
रविशंकर प्रसाद के नेतृत्व में एक सर्वदलीय प्रतिनिधिमंडल यूरोपीय देशों का दौरा किया, जहां उन्होंने विभिन्न राजनीतिक नेताओं के साथ बातचीत की। इस दौरे का मुख्य उद्देश्य आतंकवाद के प्रति वैश्विक एकता को बढ़ावा देना था।
अंतरराष्ट्रीय सहयोग की भावना
मीडिया से बातचीत में, रविशंकर ने बताया कि उनके प्रतिनिधिमंडल ने यूके, फ्रांस, इटली, डेनमार्क और जर्मनी का दौरा किया। इन मुलाकातों में विभिन्न देशों के नेताओं ने आतंकवाद के खिलाफ एकजुटता दिखाई और पहलगाम हमले की कड़ी निंदा की।
उन्होंने कहा, "आतंकवाद एक कैंसर है जो पूरी दुनिया को प्रभावित कर रहा है। जितनी जल्दी हम इससे निपटेंगे, उतना ही बेहतर होगा।"
पाकिस्तान की भूमिका पर प्रकाश
रविशंकर प्रसाद ने पाकिस्तान का नाम लेते हुए कहा कि वहां की सेना के जनरल देश को चलाते हैं। उन्होंने स्पष्ट किया कि पाकिस्तान के नागरिकों के खिलाफ भारत की कोई दुश्मनी नहीं है, लेकिन समस्या यह है कि पाकिस्तानी जनरल आतंकवादियों का इस्तेमाल कर रहे हैं।
उनका कहना था कि "लंदन मेट्रो हमला हो, 9/11 हो या यूरोप के अन्य हमले, सभी के तार पाकिस्तान से जुड़े हैं।"
भारत की प्रतिक्रिया में तत्परता
इस मुद्दे पर बात करते हुए, रविशंकर ने यूके में नेताओं से यह भी कहा कि यदि अमेरिकी सेना अफगानिस्तान में ओसामा बिन लादेन की खोज में 12,000 किलोमीटर तक जा सकती है, तो प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की सेना भी पहलगाम हमले के पीछे वालों का पता लगाने में पीछे नहीं रहेगी।
भविष्य की राह
आतंकवाद के खिलाफ बनी इस वैश्विक एकता भारत के लिए एक नई उम्मीद है। रविशंकर प्रसाद ने यह स्पष्ट किया कि भारत आतंकवाद के खिलाफ अन्य देशों के साथ मिलकर काम करेगा और अंतरराष्ट्रीय समुदाय को इस समस्या के प्रति जागरूक करेगा।
इस प्रकार, हम देख सकते हैं कि आतंकवाद के खिलाफ लड़ाई अब सिर्फ भारत की नहीं, बल्कि वैश्विक स्तर पर एक सामूहिक प्रयास बन चुकी है। सभी देशों का समर्थन इस संकट से निपटने में महत्वपूर्ण साबित हो सकता है।
आइए, हम सभी मिलकर एक सुरक्षित और शांतिपूर्ण दुनिया के लिए काम करें।