हरियाणा में शराब प्रेमियों के लिए 2025 की नई आबकारी नीति एक बड़ा मंथन लाने वाली है। इस नीति के तहत न केवल शराब की कीमतों में भारी वृद्धि की गई है, बल्कि लाइसेंस फीस और शराब की बिक्री के नियमों में भी महत्वपूर्ण बदलाव किए गए हैं। यह सब राजस्व बढ़ाने के उद्देश्य से किया गया है, जिससे राज्य को ज्यादा आमदनी हो सके।
शराब के दामों में वृद्धि
एक सामान्य शराब प्रेमी के लिए यह बदलाव जेब पर भारी पड़ेगा। नई नीति के तहत देसी और अंग्रेजी शराब, साथ ही बीयर, की कीमतों में 10 से 44% तक की बढ़ोतरी की गई है। आइए, हम इस बढ़ोतरी की एक झलक डालते हैं:
शराब का प्रकार | पुराना रेट (रु.) | नया रेट (रु.) | बढ़ोतरी (%) |
---|---|---|---|
बीयर (650ml) | 90 | 130 | 44% |
बीयर (सामान्य) | 110 | 150 | 36% |
स्ट्रॉन्ग बीयर | 130 | 160 | 23.1% |
देसी शराब | 175 | 190 | 8.5% |
अंग्रेजी शराब (प्रीमियम) | 1850 | 1900 | 2.7-5% |
अंग्रेजी शराब (सुपर प्री.) | 3100 | 3150 | 1.6% |
यह दरें 12 जून 2025 से प्रभावी होंगी और आगामी समीक्षा 1 अप्रैल 2026 को होगी।
नई आबकारी नीति के मुख्य बिंदु
नई आबकारी नीति में कई महत्वपूर्ण बदलाव शामिल हैं:
- बीयर की कीमतों में सबसे ज्यादा वृद्धि: बीयर की कीमत 44% बढ़कर 150 रुपये हो गई है, जो एक बड़ा झटका है।
- देसी शराब महंगी: देसी शराब की बोतल की कीमत 175 रुपये से बढ़कर 190 रुपये हो गई है।
- लगभग सभी ठेकों की संख्या में कमी: 500 से कम आबादी वाले गांवों में कोई नया ठेका नहीं खोला जाएगा। इससे 700 से अधिक गांवों में शराब के ठेके बंद हो जाएंगे।
- हाईवे पर शराब की दुकानें: शराब की दुकानें अब नेशनल और स्टेट हाईवे से कम से कम 500 मीटर दूर बनाई जाएंगी।
- नई लाइसेंस फीस: आबादी के अनुसार लाइसेंस फीस 3 लाख से 9 लाख रुपये तक निर्धारित की गई है।
क्या हैं इसके कारण?
इन बदलावों के पीछे मुख्य कारण हैं:
- राजस्व लक्ष्य: सरकार ने 2025-26 के लिए 14,064 करोड़ रुपये का कोष निर्धारित किया है, जो पिछले वर्ष के मुकाबले 10.67% अधिक है।
- शराब की बिक्री नियंत्रण: दाम बढ़ाने का एक मुख्य उद्देश्य शराब की बिक्री को नियंत्रित करना भी है।
शराब नीति का प्रभाव
- पारंपरिक शराब पीने वालों पर प्रभाव: दामों में बढ़ोतरी से शराब पीने वालों की जेब पर असर पड़ेगा, जिससे कुछ लोग वैकल्पिक विकल्पों की तलाश कर सकते हैं।
- सरकार को राजस्व में वृद्धि: कीमतों के बढ़ने से सरकार को अधिक राजस्व प्राप्त होगा, जो विभिन्न विकास कार्यों के लिए उपयोग किया जा सकता है।
- गांवों में ठेकों की संख्या में कमी: इससे ग्रामीण क्षेत्रों में शराब की उपलब्धता कम होगी और संभावित अवैध बिक्री में वृद्धि हो सकती है।
निष्कर्ष
हरियाणा में नई आबकारी नीति 2025 ने शराब प्रेमियों को जटिल स्थिति में डाल दिया है। बढ़ी हुई कीमतें और ठेकों के नए नियम, राज्य के राजस्व को बढ़ाने का एक प्रयास हैं, लेकिन क्या इस सबका आम जनता पर सकारात्मक प्रभाव पड़ेगा? यह देखना अभी बाकी है।
इस नई नीति के बारे में जानकारी रखना न केवल जरूरी है, बल्कि इसके प्रभावों को समझना भी आवश्यक है। हमें यह सुनिश्चित करना होगा कि हम जागरूकता बढ़ाते रहें और जिम्मेदारी से शराब का सेवन करें।
Disclaimer: यह जानकारी हरियाणा सरकार द्वारा प्रकाशित नई आबकारी नीति और मीडिया रिपोर्टों पर आधारित है। शराब पीना स्वास्थ्य के लिए हानिकारक है, इसलिए इसे जिम्मेदारी से पिएं।