हिसार, हरियाणा – हाल ही में हरियाणा सरकार ने एक महत्वपूर्ण पहल की है जिसमें ‘हरियाणा डिजिटल विलेज’ की योजना के तहत ग्रामीणों को ऑनलाइन सेवाएं प्रदान करने का लक्ष्य रखा गया है। इस परियोजना का उद्देश्य न केवल डिजिटल साक्षरता को बढ़ावा देना है, बल्कि यह भी सुनिश्चित करना है कि ग्रामीण आबादी को आवश्यक सरकारी सेवाएं उनके घर के नज़दीक मिल सकें।
डिजिटल इंडिया के अंतर्गत एक नया कदम
देश भर में चल रहे डिजिटल इंडिया अभियान को और जोरदार बनाने के लिए हरियाणा सरकार का यह कदम एक महत्वपूर्ण टर्निंग पॉइंट साबित हो सकता है। ग्रामीण क्षेत्रों में सीएससी (कॉमन सर्विस सेंटर) संचालकों को अतिरिक्त शुल्क दिए जाने से न केवल स्थानीय युवाओं के लिए रोजगार के नए अवसर खुलेंगे, बल्कि इससे ग्रामीणों को जरूरी सेवाएं भी संभव हो सकेंगी।
ग्रामीण इलाकों में सेवा वितरण को बेहतर बनाने के लिए, सरकार ने ग्राम पंचायतें को निर्देशित किया है कि वे सीएससी के लिए आवश्यक उपकरण जैसे लैपटॉप और प्रिंटर की व्यवस्था करें। इस प्रकार का प्रयास ग्रामीण साक्षरता को बढ़ावा और सेवा वितरण को सुगम बनाने में सहायक होगा।
नवीनतम तकनीकी संसाधनों का योगदान
हरियाणा सरकार ने सीएससी संचालकों और पंचायतों के लिए 4500 नवीनतम लैपटॉप खरीदने का निर्णय लिया है। यह लैपटॉप हारट्रोन पोर्टल के माध्यम से खरीदे जाएंगे, जिसमें लगभग 31 करोड़ 50 लाख रुपए का खर्च आएगा। मुख्यमंत्री नायब सिंह सैनी की अध्यक्षता में हुई एक बैठक में इस खरीद को मंजूरी दी गई है।
इन लैपटॉप्स का उपयोग ‘मेरी पंचायत’, ‘ई-ग्राम स्वराज’ जैसे प्लेटफार्मों पर होने वाले कार्यों के लिए किया जाएगा। इस पूरी प्रक्रिया से न केवल कार्यदक्षता में सुधार होगा, बल्कि ग्राम पंचायतों की कार्यप्रणाली भी तेज और प्रभावशाली बनेगी।
सेवाएं होंगी और अधिक सुगम
इन 4500 लैपटॉप के वितरण के बाद, ग्राम सचिव इनका उपयोग करेंगे और सीपीएलओ (क्रेडिट पंचायत लोकल ऑपरेटर) उनके सहयोगी बनेंगे। ग्राम सचिव पंचायत से जुड़े कार्यों की देखरेख करेंगे, जबकि CPLO डाटा एंट्री और अन्य डिजिटल कार्यों में मदद करेंगे। इससे ग्राम पंचायतों में कार्य करने की गति और सटीकता दोनों बढ़ेंगी।
इस पहल का उद्देश है कि सभी ऑनलाइन कार्रवाईयां अधिक सुलभ और सुविधाजनक हो सकें। जैसा कि लैपटॉप की डिलीवरी होगी, संबंधित अधिकारियों को तुरंत उपकरण वितरित किए जाएंगे।
फायदे जो ग्रामीणों को मिलेंगे
हरियाणा सरकार द्वारा सीपीएलओ की संख्या बढ़ाने की योजना भी तैयार की गई है। वर्तमान में, हर दो गांवों में एक CPLO कार्यरत है, लेकिन सरकार इसे बढ़ाने पर विचार कर रही है जिससे पंचायत सेवाओं की संख्या और गुणवत्ता में सुधार हो सके।
- ग्रामीणों के लिए आसानी से उपलब्ध ऑनलाइन सेवाएँ
- युवाओं को रोजगार के अवसर
- आर्थिक स्थिति में सुधार और विकास की गति
यह आत्मनिर्भरता की ओर एक बड़ा कदम है और डिजिटल साक्षरता के बढ़ावे की दिशा में यह योजना ग्रामीण विकास को नई दिशा दे सकती है। हरियाणा डिजिटल विलेज पहल न केवल स्थानीय विकास को मजबूत करेगी, बल्कि इसे राष्ट्रीय स्तर पर भी एक बेहतर उदाहरण के रूप में पेश कर सकेगी।
इस प्रकार की नई प्रौद्योगिकी का स्वागत करते हुए, हरियाणा सरकार की यह कोशिश निश्चित ही प्रदेश की आर्थिक और सामाजिक संरचना को एक नई ऊँचाई प्रदान करेगी।