हरियाणा सरकार ने अनुसूचित जाति (SC) वर्ग के कर्मचारियों के हक़ों की रक्षा के लिए एक महत्वपूर्ण कदम उठाया है। हाल ही में, सरकार ने एक आंतरिक समिति का गठन किया है, जिसका उद्देश्य SC कर्मचारियों की शिकायतों को सुनना और उनका निवारण करना है। यह समिति विशेष रूप से उन मुद्दों पर ध्यान केंद्रित करेगी जो सरकारी कर्मचारियों के रोजगार, सेवा, पदोन्नति, और सुरक्षा से जुड़े हैं।
IAS विजयेन्द्र कुमार होंगे समिति के अध्यक्ष
इस समिति का नेतृत्व करने के लिए IAS अधिकारी श्री विजयेन्द्र कुमार को नामित किया गया है। उनके साथ-साथ IAS विजय सिंह दहिया, सुशील सारवान, प्रदीप दहिया और HCS अधिकारी वर्षा खंगवाल को भी सदस्य के रूप में शामिल किया गया है। यह पहल राष्ट्रीय अनुसूचित जाति आयोग की अनुशंसा के अनुसार की गई है, जिससे यह सुनिश्चित होता है कि समिति का गठन एक प्रभावी और नीति आधारित तरीके से किया गया है।
समिति किन मुद्दों की करेगी जांच?
समिति कई महत्वपूर्ण मुद्दों की जांच करेगी, जिनमें शामिल हैं:
- नियुक्ति में भेदभाव: नए पदों पर नियुक्ति में SC कर्मचारियों के लिए आवश्यक आरक्षण का पालन नहीं होना।
- पदोन्नति में आरक्षण रोस्टर का उल्लंघन: पदोन्नति में अनियोजित तरीके से आरक्षण का पालन न करना।
- सेवा से बर्खास्तगी: अनुचित तरीके से कर्मचारियों को सेवा से निकालना।
- स्थानांतरण और वेतन बकाया: कर्मचारियों के स्थानांतरण में भेदभाव और समय पर वेतन का न मिलना।
- पेंशन लाभों से इनकार: निवारण प्रक्रिया में पेंशन से जुड़े मुद्दे।
इस समिति का मुख्य उद्देश्य SC कर्मचारियों को उनके संवैधानिक और सेवा संबंधी अधिकारों की रक्षा सुनिश्चित करना है।
एक महीने में रिपोर्ट सौंपना अनिवार्य
समिति द्वारा प्राप्त हर शिकायत की सत्यता की जांच की जाएगी और उसे संबंधित विभाग प्रमुख को एक महीने के भीतर रिपोर्ट सौंपनी होगी। इस रिपोर्ट के आधार पर सरकार को समयबद्ध समाधान सुनिश्चित करना होगा, जिससे शिकायतकर्ताओं को बार-बार विभागों के चक्कर काटने नहीं पड़ेंगे। यह प्रक्रिया मजबूती के साथ सरकार की जवाबदेही को बढ़ाएगी।
कोई शुल्क या भत्ता नहीं मिलेगा समिति को
यह समिति तीन वर्ष के कार्यकाल के लिए स्थापित की गई है, और इसके अध्यक्ष एवं सदस्य किसी भी प्रकार का वेतन, भत्ता या सुविधा नहीं प्राप्त करेंगे। यह पूरी प्रक्रिया सेवा भाव पर आधारित है, जिससे पारदर्शिता और निष्पक्षता सुनिश्चित हो सके।
SC कर्मचारियों को मिलेगा अधिकारों का संरक्षण
यह समिति SC कर्मचारियों के लिए समान अवसर, निष्पक्षता, और पारदर्शिता स्थापित करने का प्रयास करेगी। इससे न केवल कर्मचारियों का मनोबल बढ़ेगा, बल्कि यह सरकारी तंत्र में विश्वास भी मजबूत करेगा।
सरकार का समावेशी प्रशासन की दिशा में एक बड़ा कदम
हरियाणा सरकार का यह कदम न केवल SC कर्मचारियों की गरिमा और अधिकारों की रक्षा के लिए एक सशक्त प्रयास है, बल्कि यह प्रशासन को और भी अधिक उत्तरदायी और समावेशी बनाने की दिशा में एक महत्वपूर्ण पहल है।
यह पहल यह संकेत देती है कि राज्य सरकार SC समुदाय के प्रति कितनी गंभीर है और उनकी समस्याओं को सुनने और हल करने के लिए प्रतिबद्ध है। यह सभी कर्मचारियों के लिए एक सकारात्मक बदलाव का संकेत है, जो संगठनात्मक प्रणाली में सुधार लाने की दिशा में प्रगति को दर्शाता है।
निष्कर्ष
हरियाणा सरकार की इस नई आंतरिक समिति की स्थापना SC कर्मचारियों के अधिकारों के संरक्षण के लिए एक महत्वपूर्ण पहल है। यह न केवल समावेशी प्रशासन को बढ़ावा देगा, बल्कि कर्मचारी कल्याण और समाज में समानता की दिशा में भी एक महत्वपूर्ण कदम होगा। अधिक जानकारी के लिए, सरकार की आधिकारिक वेबसाइट या स्थानीय समाचार पत्रों पर नजर रखते रहें।