सोने की कीमत 99 हजार के पार, चांदी अभी भी एक लाख पार; जानें कारण!

सोने और चांदी की कीमतों में तेजी: भारतीय सर्राफा बाजार का हाल

हाल ही में भारतीय सर्राफा बाजार में सोने और चांदी की कीमतों में एक बार फिर तेजी देखने को मिली है। प्रमुख हॉल्ट्स के पश्चिमी देशों में भू-राजनीतिक तनाव के कारण निवेशकों ने सुरक्षित संपत्तियों की ओर रुख किया है। इसके चलते सोने की कीमतें 99,000 रुपये प्रति 10 ग्राम तक पहुंच गई हैं, जबकि चांदी की कीमतें 1,00,200 रुपये प्रति किलोग्राम तक पहुंच गई हैं।

सोने की कीमतों में इजाफा: इसके पीछे के कारण

एक तरफ जहां वैश्विक स्तर पर सोने की कीमतें घट रही हैं, वहीं भारतीय बाजार में इसकी कीमतों में वृद्धि मुख्यतः रुपया के कमजोर होने के कारण हो रही है। इसके पिछे कई कारण हैं:

  • आर्थिक अनिश्चितता: अमेरिकी डॉलर की मजबूती और विदेशी फंडों की निकासी ने रुपये की स्थिति को कमजोर किया है।
  • जियोपॉलिटिकल टेंशन: भारत और पाकिस्तान के बीच बढ़ते तनाव से भी बाजार में हलचल देखने को मिल रही है।
  • मुनाफावसूली की गतिविधियां: मार्केट में मुनाफावसूली भी कीमतों को प्रभावित कर रही है।

केवल इसीलिए, जेएम फाइनेंशियल सर्विसेज के कमोडिटी और करेंसी रिसर्च के उपाध्यक्ष प्रणव मेर के अनुसार, सोने की कीमतें अस्थिर बनी हुई हैं।

चांदी की स्थिति: क्या उम्मीद की जाए?

चांदी ने भी पिछले कुछ दिनों में तेज़ी दिखाई है। चांदी की कीमतें 1,00,200 रुपये प्रति किलोग्राम के स्तर तक पहुंच गई हैं। चांदी का मूल्य हमेशा सोने के साथ-साथ चलता है, लेकिन इसकी मांग तकनीकी उपकरणों और औद्योगिक उत्पादों के लिए होती है। अंततः, चांदी का मूल्य भी सोने की तुलना में अधिक अस्थिर हो सकता है।

चांदी के मूल्य के मुख्य कारक:

  • औद्योगिक मांग: चांदी का औद्योगिक उपयोग बढ़ने की वजह से इसकी कीमतें बढ़ी हैं।
  • वातावरणीय तत्व: चांदी की खनन प्रक्रियाएँ भी बाजार में आपूर्ति को प्रभावित करती हैं।

भारतीय विदेशी मुद्रा भंडार का मजबूत होना

हाल ही में भारतीय रिजर्व बैंक द्वारा जारी किए गए आंकड़ों के अनुसार, भारत के विदेशी मुद्रा भंडार में उल्लेखनीय वृद्धि हुई है। 23 मई को समाप्त सप्ताह में, इसका भंडार 6.992 अरब डॉलर बढ़कर 692.721 अरब डॉलर तक पहुंच गया।

  • विदेशी मुद्रा भंडार की उपलब्धि:
    • आवश्यकता: निवेकी नीतियां और वैश्विक बाजार में अस्थिरता को संभालने में मददगार।
    • सुरक्षा: यह भारत को अंतरराष्ट्रीय बाजार में एक सुरक्षित महासागर देता है।

निष्कर्ष

सोने और चांदी की कीमतों में बढ़ोतरी भारतीय आर्थिक परिवेश में एक महत्वपूर्ण संकेत है। जब तक वैश्विक स्तर पर आर्थिक अनिश्चितताएँ बरकरार रहेंगी, तब तक निवेशक सुरक्षित संपत्तियों की ओर आकर्षित होते रहेंगे। भारतीय सर्राफा बाजार इन बदलावों को ध्यान में रखते हुए, निवेशकों को सतर्क रहने की सलाह देता है।

बाजार की यह स्थिति न केवल हमारे आर्थिक समझदारी के लिए महत्वपूर्ण है, बल्कि यह भी समझाती है कि कैसे वैश्विक घटनाएँ हमारे घरेलू बाजार को प्रभावित कर सकती हैं। यदि आप भी सोने या चांदी में निवेश करने का सोच रहे हैं, तो बाजार की मौजूदा स्थिति का अवलोकन अवश्य करें।

Similar Posts

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *