कैसे बढ़ते जा रहे हैं संपत्ति के विवाद?
आज के समय में, परिवारों में संपत्ति का बंटवारा एक जटिल और संवेदनशील मुद्दा बन गया है। अक्सर देखा जाता है कि कई परिवारों में संपत्ति को लेकर विवाद उत्पन्न होते हैं। खासकर जब बात पिता द्वारा संपत्ति का बंटवारा केवल एक बेटे को देने की आती है। क्या ऐसा करना कानूनी रूप से सही है? या इस मामले में अन्य बच्चों का भी कोई हक है? इन सभी सवालों के जवाब ढूंढना आवश्यक हो गया है, खासकर 2025 में संपत्ति से जुड़े नए कानूनों के आगमन के बाद।
संपत्ति का प्रकार: स्व-अर्जित बनाम पैतृक
भारत में संपत्ति दो प्रकार की होती है: स्व-अर्जित संपत्ति (Self-Acquired Property) और पैतृक संपत्ति (Ancestral Property)। इन दोनों का बंटवारा अलग-अलग नियमों के तहत होता है।
स्व-अर्जित संपत्ति
स्व-अर्जित संपत्ति वह होती है जिसे पिता ने अपनी मेहनत और कमाई से खरीदी है। इसमें पिता का पुरा अधिकार होता है। वह इसे किसी भी व्यक्ति को देने के लिए स्वतंत्र होते हैं।
- वसीयत (Will): पिता अपनी इच्छा के अनुसार संपत्ति का बंटवारा करने के लिए वसीयत बना सकते हैं।
- गिफ्ट डीड (Gift Deed): इसके माध्यम से वे अपनी संपत्ति कोई भी बेटे या बेटी को दे सकते हैं, और इसमें अन्य वारिसों की सहमति की जरूरत नहीं होती।
पैतृक संपत्ति
पैतृक संपत्ति वह होती है जो पीढ़ी दर पीढ़ी परिवार में चलती आती है। इसमें सभी वारिसों का बराबर अधिकार होता है।
- इस संपत्ति को अकेले किसी एक बेटे को देने का अधिकार पिता के पास नहीं होता है। सभी भाइयों, बहनों और पत्नी को बराबर का हिस्सा मिलता है।
2025 के नए प्रॉपर्टी लॉ में बदलाव
2025 से लागू हुए नए प्रॉपर्टी कानूनों में कुछ महत्वपूर्ण बदलाव किए गए हैं, जिनमें शामिल हैं:
- महिलाओं के अधिकार: अब बेटियों को पैतृक संपत्ति में बेटे के बराबर अधिकार मिलेगा।
- आधार कार्ड लिंकिंग: संपत्ति के सभी मालिकों के लिए अपने आधार कार्ड को संपत्ति के डोक्युमेंट्स के साथ लिंक करना अनिवार्य होगा।
- डिजिटल रिकॉर्डिंग: प्रॉपर्टी ट्रांसफर, वसीयत और गिफ्ट डीड का डिजिटल रिकॉर्ड रखना अब जरूरी है।
महत्वपूर्ण सवाल: क्या पिता अपने सभी संपत्तियाँ सिर्फ एक बेटे को दे सकते हैं?
स्व-अर्जित संपत्ति
अगर संपत्ति स्व-अर्जित है, तो पिता अपनी सम्पूर्ण संपत्ति को केवल एक बेटे को गिफ्ट डीड या वसीयत के माध्यम से दे सकते हैं। इस मामले में अन्य बच्चों को आपत्ति करने का कोई अधिकार नहीं होता।
पैतृक संपत्ति
पैतृक संपत्ति में सभी वारिसों का समान अधिकार होता है। पिता अकेले से केवल एक बेटे को संपत्ति नहीं दे सकते हैं। सभी कानूनी वारिसों को उनके हिस्से के अनुसार संपत्ति में भाग दिया जायेगा।
संपत्ति ट्रांसफर के तरीके
पिता अपनी संपत्ति ट्रांसफर करने के लिए निम्नलिखित तरीकों का उपयोग कर सकते हैं:
- गिफ्ट डीड: इस प्रक्रिया में संपत्ति का रजिस्ट्रेशन आवश्यक है।
- वसीयत: वसीयत के माध्यम से संपत्ति का बंटवारा करने के लिए एक कानूनी दस्तावेज की आवश्यकता होती है।
- सक्सेशन सर्टिफिकेट: अगर वसीयत उपलब्ध नहीं है, तो कानूनी वारिस कानूनी प्रक्रिया के तहत संपत्ति अपने नाम कर सकते हैं।
निष्कर्ष
सम्पत्ति का बंटवारा भारत में एक संवेदनशील और महत्वपूर्ण विषय है। 2025 में आये बदलाव से संपत्ति के विवादों को हल करने और पारदर्शिता लाने में मदद मिलेगी। यह सुनिश्चित करना अत्यंत आवश्यक है कि सभी वारिसों के अधिकारों को सिद्धता से समझा जाये और पालन किया जाये। यदि आपको संपत्ति के अधिकारों या बंटवारे के संदर्भ में कोई संदेह है, तो किसी योग्य वकील से सलाह लेना हमेशा एक अच्छा विचार है।
यह जानकारी आपको संपत्ति के संदर्भ में आपके अधिकारों को समझने में मदद करेगी। सही जानकारी के साथ, विवादों से बचना संभव है और परिवारिक संबंधों को भी बनाए रखा जा सकता है।