बिहार के मुजफ्फरपुर में हाल ही में एक चौंकाने वाला साइबर फ्रॉड मामले ने सभी को चौंका दिया है, जब रमेश कुमार निराला, एक स्थानीय निवासी, बिजली बिल भुगतान करते समय लाखों के सरकारी धोखाधड़ी का शिकार हो गए। यह मामला ऑनलाइन धोखाधड़ी के बढ़ते आकड़े को फिर से उजागर करता है, और यह दर्शाता है कि कैसे सायबर अपराधी स्मार्ट और कुशल हो गए हैं।
### सायबर फ्रॉड का नया तरीका
साइबर ठग अब बिजली बिलों के भुगतान के लिए अधिकृत रिचार्ज ऐप का उपयोग कर रहे हैं, जो कि पहले से ही एक संवेदनशील मुद्दा बना हुआ है। रमेश कुमार ने जब 22 फरवरी को अपने बिजली मीटर के लिए रुपये रिचार्ज करने का निर्णय लिया, तो उन्होंने एक लोकप्रिय UPI ऐप का चयन किया। रिचार्ज के कुछ ही समय बाद, उनके बैंक खाते से लगभग ₹95,332 की अवैध निकासी हुई।
### किसी ने बताया ग्राहक सेवा, और फिर हुआ बड़ा नुकसान
जब रमेश ने रिचार्ज के बाद लगातार हो रहे आंशिक ट्रांजैक्शनों को देखा, तो उन्होंने बिजली विभाग में शिकायत की। वहां उन्हें बताया गया कि उनसे जुड़े UPI ऐप से ही सारी समस्याएं उत्पन्न हो रही थीं। इसके बाद, उन्होंने ग्राहक सेवा विभाग में फोन किया। समस्या यह थी कि फोन उठाने वाले व्यक्ति ने उनके सभी डिटेल्स पूछकर दो बड़ी ट्रांजैक्शनों को अंजाम दिया, जिससे उनकी पूंजी तेजी से गायब हो गई।
– पहले ट्रांजैक्शन की राशि: ₹50,888
– दूसरे ट्रांजैक्शन की राशि: ₹44,444
इन दोनों में कुल मिलाकर, ₹95,332 खातें से उड़ गए थे। रमेश का दावा है कि यह व्यक्ति कस्टमर केयर में काम कर रहा था और धोखाधड़ी में शामिल था।
### बिजली विभाग की लापरवाही
यह भी देखने में आ रहा है कि बिजली विभाग इस मामले में सहयोग करने में असफल रहा। रमेश का कहना है कि जब उन्होंने विभाग से संपर्क किया, तो अधिकारियों ने उन्हें कोई भी स्पष्ट उत्तर देने से मना कर दिया। ऐसा प्रतीत होता है कि विभाग के कुछ लोग धोखाधड़ी करने वाले गिरोह का साथ दे रहे हैं। इन सवालों के साथ, यह सम्पूर्ण प्रणाली की विश्वसनीयता पर संदेह उत्पन्न करता है।
### साइबर पुलिस की जांच और आमजन की सुरक्षा
साइबर थाना में रमेश कुमार की एफआईआर को दर्ज किया गया है। साइबर डीएसपी हिमांशु कुमार ने मामले की जांच इंस्पेक्टर अरविंद कुमार को सौंपी है। उन्होंने कहा कि वे इस मामले की गहन छानबीन कर रहे हैं और जल्द ही पूरे नेटवर्क का उन्मूलन करेंगे।
इस मामले ने आम जनता को सतर्क करने का भी काम किया है। साइबर डीएसपी ने लोगों से अपील की है:
– अपने बिजली बिल, बैंकिंग या किसी भी डिजिटल पेमेंट में किसी भी अनियमितता का तुरंत रिपोर्ट करें।
– कस्टमर केयर नंबर केवल आधिकारिक वेबसाइट से ही प्राप्त करें।
### निष्कर्ष: सजग रहना है जरूरी
साइबर अपराधों का यह मामला एक चेतावनी के रूप में सामने आया है कि हमें अपने वित्तीय लेन-देन में सतर्क रहना चाहिए। धोखाधड़ी करने वाले संगठन अब तकरीबन हर दिन नए तरीके खोज रहे हैं, और इसलिए हमें सभी प्रकार के डिजिटल प्लेटफ़ॉर्म पर सतर्क रहना चाहिए।
भले ही यह मामला सिर्फ एक व्यक्ति को प्रभावित करता हो, लेकिन यह हम सभी के लिए एक सबक है कि साइबर सुरक्षा को कभी भी हल्के में न लें। अपने वित्तीय लेन-देन में सावधानी बरतें, और सावधानी से ही निर्णय लें।