हर किसी के जीवन का एक अनमोल सपना होता है—अपना एक घर होना। यह सिर्फ एक जीने की जगह नहीं होती, बल्कि यह हमारी मेहनत, संघर्ष, और सामर्थ्य का प्रतीक होता है। लेकिन बढ़ती महंगाई और संपत्ति की बढ़ती कीमतों ने इस सपने को पूरा करना कठिन बना दिया है। वहीं, प्रॉपर्टी खरीदने के बाद उसकी रजिस्ट्री और स्टाम्प ड्यूटी में भी लागत शामिल होती है, जो कई बार बजट को बिगाड़ देती है।
प्रॉपर्टी रजिस्ट्री का महत्व
प्रॉपर्टी की रजिस्ट्री एक अनिवार्य कानूनी प्रक्रिया है। यह सुनिश्चित करती है कि संपत्ति का स्वामित्व आधिकारिक रूप से आपके नाम पर हो। बिना रजिस्ट्री के, आप कई कानूनी समस्याओं का सामना कर सकते हैं। जैसे कि:
- संपत्ति का दुरुपयोग
- भविष्य में मालिकाना अधिकार का विवाद
- संपत्ति को बेचने या किराये पर देने में कठिनाई
इसलिए, प्रॉपर्टी खरीदने के बाद उसकी रजिस्ट्री करवाना बेहद महत्वपूर्ण है। हां, इसमें अतिरिक्त खर्च आ सकता है, लेकिन सुरक्षा और अधिकारों की गारंटी के लिए यह आवश्यक है।
पत्नी के नाम पर रजिस्ट्री के फायदे
प्रॉपर्टी खरीदते समय अगर आप अपनी पत्नी के नाम पर रजिस्ट्री करवाते हैं, तो आपको कई आर्थिक लाभ मिलते हैं। इनकम टैक्स एक्ट के सेक्शन 80C के तहत प्रॉपर्टी की रजिस्ट्री पर 1.5 लाख रुपये तक की टैक्स छूट मिलती है। लेकिन यदि रजिस्ट्री पत्नी के नाम पर होती है, तो यह छूट 3 लाख रुपये तक बढ़ जाती है। इसका अर्थ यह है कि आप अपनी टैक्स बचत को दोगुना कर सकते हैं।
राज्यों के अनुसार स्टाम्प ड्यूटी में छूट
भारत के विभिन्न राज्यों में प्रॉपर्टी रजिस्ट्री पर स्टाम्प ड्यूटी में छूट देने के प्रावधान हैं। उदाहरण के तौर पर:
- राजस्थान: पत्नी के साथ संयुक्त रूप से प्रॉपर्टी खरीदने पर 0.5 प्रतिशत की छूट।
- दिल्ली: महिला के नाम पर रजिस्ट्री करने पर 6 प्रतिशत से 4 प्रतिशत शुल्क।
दिल्ली में 50 लाख रुपये की प्रॉपर्टी पर यदि पुरुष रजिस्ट्री कराता है तो उसे 3 लाख रुपये की रजिस्ट्री फीस देनी होगी जबकि महिला के नाम पर केवल 2 लाख रुपये। इस तरह, सिर्फ नाम बदलने से आप 1 लाख रुपये की बचत कर सकते हैं।
होम लोन से लाभ
यदि आप बैंक से होम लोन लेकर प्रॉपर्टी खरीदते हैं, तो आपको और भी लाभ मिल सकते हैं। इनकम टैक्स एक्ट के सेक्शन 24 के तहत, होम लोन पर चुकाए गए ब्याज पर 2 लाख रुपये तक का टैक्स डिडक्शन मिलता है। यदि लोन पत्नी के नाम पर लिया जाता है, तो कई बैंकों द्वारा विशेष छूट और सुविधाएं प्रदान की जाती हैं, जिससे आप अतिरिक्त लाभ प्राप्त कर सकते हैं।
प्रॉपर्टी बेचकर नई खरीदने पर बचत
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