गुरुग्राम में स्वर्णकारों के लिए भारतीय मानक ब्यूरो का महत्वपूर्ण जागरूकता कार्यक्रम

गुरुग्राम में भारतीय मानक ब्यूरो का स्वर्णकार जागरूकता कार्यक्रम

गुरुग्राम में हाल ही में भारतीय मानक ब्यूरो (BIS) की फरीदाबाद शाखा द्वारा स्वर्णकारों, सर्राफों और कारीगरों के लिए एक जागरूकता कार्यक्रम का आयोजन किया गया। इस कार्यक्रम ने स्वर्ण कारोबारियों को होलमार्किंग, गुणवत्ता मानकों और बीआईएस की महत्वपूर्ण योजनाओं के बारे में जानकारी प्रदान की।

कार्यक्रम का उद्देश्य

इस जागरूकता कार्यक्रम का मुख्य उद्देश्य स्वर्णकारों को नवीनतम मानकों और विधियों से अवगत कराना था। कार्यक्रम की अध्यक्षता उप निदेशक अर्नब सामुई ने की, जिन्होंने सभी प्रतिभागियों को समझाया कि भारतीय मानक ब्यूरो की कौन-कौन सी योजनाएं स्वर्णकारों की मदद कर सकती हैं।

  • होलमार्किंग की जानकारी: स्वर्ण आभूषणों पर हॉलमार्किंग, जो कि उच्चतम गुणवत्ता और शुद्धता का प्रतीक है, के बारे में महत्वपूर्ण जानकारी दी गई।
  • BIS केयर ऐप का प्रदर्शन: स्वर्णकारों को BIS केयर ऐप डाउनलोड करने की सलाह दी गई, जिससे वे अपने उत्पादों की हॉलमार्किंग की स्थिति को सरलता से पता कर सकें।

स्वर्णकारों की भागीदारी

कार्यक्रम में कई स्वर्णकारों, सर्राफों और ज्वैलर्स ने हिस्सा लिया। उप निदेशक अर्नब सामुई ने उनकी सभी शंकाओं का निराकरण किया। स्वर्णकारों ने BIS द्वारा चलाए जा रहे हॉलमार्किंग स्कीम का स्वागत किया और इसे देशभर में अनिवार्य बनाने की अपील की।

स्वर्णकारों के सुझाव:

  1. हॉलमार्किंग कानून को लागू करना: स्वर्ण कारोबारियों ने सरकार से हॉलमार्किंग कानून को लागू करवाने की मांग की।
  2. शिक्षा और जागरूकता: स्वर्णकारों ने सरकारी योजनाओं और योजनाओं के प्रति जागरूकता बढ़ाने की आवश्यकता जताई।

BIS और उसकी योजनाएँ

भारतीय मानक ब्यूरो (BIS) एक सरकारी संगठन है जिसका मुख्य उद्देश्य मानक विकास, गुणवत्ता नियंत्रण और उपभोक्ता सुरक्षा है। इसे 1986 में स्थापित किया गया और यह भारत में मानकों के विकास में एक प्रमुख भूमिका निभाता है। इसमें विभिन्न योजनाए शामिल हैं:

  • होलमार्किंग योजना: यह योजना उपभोक्ताओं को उच्चतम गुणवत्ता वाले स्वर्ण आभूषण प्रदान करने के लिए बनाई गई है।
  • क्षेत्रीय कार्यालय: BIS के क्षेत्रीय कार्यालय विभिन्न स्थानों पर कार्यरत हैं, जो स्थानीय स्तर पर जागरूकता फैलाने का कार्य करते हैं।

स्वर्णकारों के अनुभव और भविष्य की योजनाएँ

स्वर्णकारों ने कार्यक्रम में अपनी भागीदारी को सकारात्मक बताया और BIS की योजनाओं के मैनेजमेंट को सराहा। इसके अलावा, उन्होंने भविष्य में ऐसे और कार्यक्रमों की आवश्यकता पर जोर दिया, जिससे वे नवीनतम जानकारी और तकनीकों से अपडेट हो सकें।

भविष्य की योजनाएँ:

  1. शिक्षण कार्यक्रम: स्वर्णकारों के लिए नियमित शिक्षण कार्यक्रम आयोजित करना।
  2. प्रशिक्षण वर्कशॉप: ज्वैलर्स के लिए व्यावसायिक कौशल में सुधार हेतु वर्कशॉप का आयोजन।

निष्कर्ष

गुरुग्राम में आयोजित यह जागरूकता कार्यक्रम स्वर्ण कारोबारियों के लिए सशक्तिकरण का एक महत्वपूर्ण कदम था। यह न केवल उन्हें नवीनतम मानकों से अवगत कराता है, बल्कि स्वर्ण उद्योग में गुणवत्ता और पारदर्शिता को सुनिश्चित करता है। BIS की पहलें उपभोक्ताओं और उद्योग दोनों के लिए फायदेमंद साबित होंगी। यह सुनिश्चित करने के लिए, स्वर्णकारों की सक्रिय भागीदारी और सरकारी योजनाओं का सही कार्यान्वयन आवश्यक है।

गुरुग्राम का यह कार्यक्रम न केवल स्वर्णकारों के लिए एक अवसर था, बल्कि यह भविष्य में उद्योग में सुधार की एक दिशा भी प्रदान करता है।

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