हरियाणा शिक्षा बोर्ड का एचटेट में एआई का प्रयोग: नकल पर लगेगा शिकंजा
हरियाणा के शिक्षा बोर्ड ने एक महत्वपूर्ण निर्णय लिया है। एचटेट (हरियाणा शिक्षक पात्रता परीक्षा) में नकल रोकने के लिए आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस (एआई) का इस्तेमाल किया जाएगा। यह कदम न केवल परीक्षा के पारदर्शिता को बढ़ाएगा, बल्कि परीक्षार्थियों की सुरक्षा को भी सुनिश्चित करेगा।
नकल रोकने में एआई का योगदान
एचटेट परीक्षा, जो 26 और 27 जुलाई को आयोजित होने जा रही है, में 4 लाख से अधिक परीक्षार्थी शामिल होंगे। इस परीक्षा की पूरी तैयारी बोर्ड द्वारा की जा चुकी है। एआई सिस्टम का इस्तेमाल करके, जैसे ही परीक्षार्थी परीक्षा केंद्र में कदम रखते हैं, उनकी सभी जानकारी, जैसे कि नाम और पिछले परीक्षा परिणाम, स्क्रीन पर आ जाएगी। अगर कोई परीक्षार्थी पहले किसी अन्य नाम से परीक्षा देता है, तो एआई उसे तुरंत पहचान लेगा।
इस तकनीक के द्वारा नकल और अन्य अनुचित गतिविधियों पर सख्त नियंत्रण लगाया जाएगा, जिससे परीक्षा की गुणवत्ता में वृद्धि होगी।
एचटेट परीक्षा की विशेषताएँ
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बड़ी संख्या में परीक्षार्थी: इस बार लगभग 4,05,377 परीक्षार्थी परीक्षा में बैठने वाले हैं, जिसमें सबसे अधिक संख्या गुरुग्राम जिले की है, जहां 42,783 परीक्षार्थी हैं।
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परीक्षा के स्तर: परीक्षा को तीन स्तरों में बांटा गया है:
- लेवल-1 (पीआरटी): 82,917 परीक्षार्थी
- लेवल-2 (टीजीटी): 2,01,517 परीक्षार्थी
- लेवल-3 (पीजीटी): 1,20,943 परीक्षार्थी
- परीक्षा केंद्र: इस परीक्षा के लिए 600 से अधिक परीक्षा केंद्र बनाये गए हैं, जिसमें प्रत्येक केंद्र पर औसतन 310 परीक्षार्थी परीक्षा देंगे।
पारदर्शिता और सुरक्षा सुनिश्चित करना
बोर्ड के चेयरमैन डा. पवन कुमार ने बताया कि एचटेट परीक्षा नकल रहित होगी। इस निर्णय के पीछे की सोच यह है कि परीक्षार्थियों को निष्पक्षता का अहसास हो और उन्हें अपनी क्षमताओं के आधार पर परीक्षा में भाग लेने का मौका मिले। एआई का उपयोग इन सब में एक महत्वपूर्ण कड़ी साबित होगा।
- परीक्षा की प्रक्रिया: एआई सिस्टम के माध्यम से सभी डेटा को रीयल टाइम में अपडेट किया जाएगा, ताकि किसी भी प्रकार के धोखाधड़ी को रोका जा सके।
- पारदर्शिता: परीक्षार्थियों को परीक्षा स्थल पर सहजता के साथ पहुंचाने के लिए सभी उपाय किए जाएंगे, जिससे वे बिना किसी चिंता के परीक्षा दे सकें।
भविष्य में एआई का विस्तार
हरियाणा शिक्षा बोर्ड के इस पहल को देख कर यह अपेक्षित है कि अन्य राज्य भी इस तकनीक को अपनाएंगे। जैसे-जैसे शिक्षा प्रणाली में नकल और धांधली की प्रवृत्ति बढ़ती जा रही है, एआई जैसे भविष्य की तकनीकें इसे नियंत्रित करने में सहायक साबित हो सकती हैं।
इस तरह के प्रयोगों से न केवल परीक्षा की गुणवत्ता में सुधार होगा, बल्कि इससे एक नई दिशा भी मिलेगी जिसमें तकनीक का इस्तेमाल सकारात्मक उद्देश्यों के लिए किया जाएगा।
निष्कर्ष
हरियाणा शिक्षा बोर्ड की यह पहल एचटेट परीक्षा में एआई के उपयोग के साथ नकल के खिलाफ एक बड़ी लड़ाई का सूचक है। उम्मीद की जा रही है कि यह न केवल परीक्षाओं की पारदर्शिता बढ़ाएगा, बल्कि प्रदेश के शिक्षण मानकों में भी सुधार करेगा।
परीक्षार्थियों के लिए यह एक महत्वपूर्ण मोड़ हो सकता है, और विद्यार्थी कहीं न कहीं इस बदलाव का स्वागत करेंगे। सब मिलकर अगर हम अपने दृष्टिकोण को बदलें, तो शिक्षा के क्षेत्र में बेहद सकारात्मक परिणाम देखने को मिलेंगे।