पंजाब में नशे का संकट: बड़े माफियाओं का पर्दाफाश जरूरी
पंजाब, एक ऐसा प्रदेश जो अपनी ऐतिहासिक समृद्धि और सांस्कृतिक विविधता के लिए जाना जाता है, आजकल नशे के गंभीर संकट का सामना कर रहा है। नशे की बढ़ती हुई लत ने न केवल युवाओं को प्रभावित किया है, बल्कि यह समाज के हर तबके पर टूट पड़ा है। ऐसे में, सुनील जाखड़, जो पंजाब बीजेपी के अध्यक्ष हैं, ने कुछ चिंताजनक सवाल उठाए हैं।
जाखड़ का बयान: बड़े ड्रग माफियाओं पर कार्रवाई जरूरी
सुनील जाखड़ ने पिछले दिनों पंजाब सरकार के नशे के खिलाफ उठाए गए कदमों पर सवाल उठाते हुए कहा कि यदि राज्य सरकार नशे के माफियाओं को जड़ से खत्म करना चाहती है, तो उसे उन बड़े खिलाड़ियों तक पहुंचना होगा जो इस अवैध व्यापार को संचालित कर रहे हैं। उन लोगों की पहचान करना जरूरी है जो नशे से होने वाली कमाई का हिस्सा लेते हैं।
“सरकार को बिना किसी भेदभाव के कार्रवाई करनी चाहिए। चाहे वे किसी भी राजनीतिक दल से जुड़े हों, वास्तविक लाभार्थियों को पहचानना सबसे आवश्यक है,” जाखड़ ने कहा।
मुख्यमंत्री से की गई मांग: न्यायालय से जांच का अनुरोध
जाखड़ ने पंजाब के मुख्यमंत्री भगवंत मान को एक पत्र लिखकर सुझाव दिया कि वे पंजाब और हरियाणा उच्च न्यायालय के मुख्य न्यायाधीश से अनुरोध करें कि इस मामले में एक समयबद्ध जांच कराई जाए।उन्होंने ऐसी जांच एक विश्वसनीय एजेंसी या बहु-एजेंसी जांच के तहत करने की बात की, ताकि नशे के पैसे के असली लाभार्थियों का पर्दाफाश हो सके।
उन्होंने कहा, “छोटे नशा तस्करों की गिरफ्तारी से कुछ खास नहीं होगा। असली समस्या को दूर करने के लिए हमें बड़े माफियाओं की कड़ी को तोड़ना होगा।”
पंजाब पुलिस का नशा तस्करों के खिलाफ अभियान
हालांकि पंजाब सरकार और पुलिस ने नशे के खिलाफ कई मुहिम चलाई हैं, लेकिन जाखड़ का मानना है कि यह मात्र कुछ गिरफ्तारी तक सीमित रहने वाली नहीं होनी चाहिए। हाल के आंकड़ों के अनुसार, पंजाब पुलिस ने नशा तस्करों के खिलाफ एक भव्य अभियान चलाया है जिससे पहले 107 दिनों में कुल 17,749 तस्करों को गिरफ्तार किया गया है।
पुलिस ने इस अवधि में विभिन्न नशों के साथ-साथ 688 ग्राम हेरोइन और 105 किलो भुक्की बरामद की है, जो नशे के नेटवर्क की गहराई को दर्शाता है।
नशे की समस्या का समाज पर प्रभाव
नशे की समस्या सिर्फ एक स्वास्थ्य संकट नहीं है, बल्कि यह सामाजिक संरचना को भी प्रभावित कर रही है। इसके दुष्प्रभाव इस प्रकार हैं:
- परिवारों में टूटन: नशा एक ऐसे चक्र में डाल देता है जिससे परिवार की संस्था प्रभावित होती है, कई बार इससे तलाक और घरेलू हिंसा भी बढ़ती है।
- आर्थिक नुकसान: नशे की लत के चलते कई लोग नौकरी खो देते हैं या काम करने में असमर्थ होते हैं, जिससे परिवार की आर्थिक स्थिति बिगड़ जाती है।
- युवाओं का भविष्य: युवा पीढ़ी के लिए यह संकट एक अवसाद का कारण बन रहा है।
आगे की राह
पंजाब सरकार के लिए यह बहुत जरूरी है कि नशे की समस्या से निपटने के लिए ठोस कदम उठाए जाएं। बड़े ड्रग माफियाओं पर कार्रवाई करना और उनकी पहचान करना आवश्यक है ताकि समाज के निचले स्तर तक पहुंचने वाली इस बुराई को खत्म किया जा सके।
इन सब के बीच, हमारी भूमिका है कि हम समाज की इस गंभीर समस्या के प्रति जागरूक रहें और इसे खत्म करने के लिए हर संभव प्रयास करें।
समाज के सभी सदस्यों को एकजुट होकर इससे लड़ने की आवश्यकता है, ताकि हम न केवल पंजाब, बल्कि देश को भी इस नशे के संकट से बचा सकें। क्या आप इस दिशा में अपनी भूमिका निभाने के लिए तैयार हैं?